हर साल वैश्विक बैंकिंग नेटवर्क के जरिये 2-3 लाख करोड़ डॉलर का अवैध करोबार होता है। इतना ही नहीं 96 प्रतिशत से अधिक के कारोबार का पता नहीं चल पाता। इंटरपोल के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को ये दावा किया है। इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने कहा कि सिर्फ 2-3 प्रतिशत राशि ही पीड़ितों को वापस हासिल हो पाती है।
इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने बताया कि इंटरपोल 196 सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों व निजी वित्त क्षेत्र के साथ काम करता है। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर अवैध कारोबार, मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी, हथियार तस्करी व वित्तीय धोखाधड़ी पर अंकुश लगाना है। बैंकिंग नेटवर्क के जरिये अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के प्रयासों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, हम बैंकिंग संगठनों से लेनदेन पर नजर रखने के लिए प्रणाली के विकास पर काम कर रहे हैं।
एआई को लेकर भी कही बड़ी बात
इस दौरान स्टॉक ने वैश्विक स्तर पर बढ़ते धोखाधड़ी का जिक्र करते हुए कहा कि जबतक निजी क्षेत्र जल्द से जल्द सूचनाएं साझा नहीं करता, तबतक कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने अवैध तरीके से नकदी प्रवाह पर अंकुश लगने की चुनौती बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के कारण स्थितियां और खराब हुई हैं और चुनौती बढ़ गई है।