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ऊंचाई बढ़ाने से कई गांव में डुबान में आएंगे
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साल 2050 के भविष्य को देखते हुए बनाई योजना
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डेम की ऊंचाई बढ़ाने 52 करोड़ का प्रावधान
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जनसंख्या तेजी से बढ़ रही, इसलिए पानी की व्यवस्था जरूरी
बालोद. अमृत योजना के अंतर्गत राजनांदगांव को खरखरा जलाशय से पानी देने की 6 साल पहले केंद्र सरकार ने योजना बनाई। इसके तहत खरखरा जलाशय की ऊंचाई भी 2 फीट बढ़ाने की योजना बनी, लेकिन खरखरा जलाशय की ऊंचाई बढ़ाने केंद्रीय जल आयोग की टीम आगे की कार्यवाही करेगा।इस योजना के तहत जमीन के अंदर पाइपलाइन बिछाई गई है, आगे का कार्य शुरू नहीं हुआ है। कब तक काम शुरू होगा, यह जिले के सिंचाई विभाग को भी पता नहीं है। केंद्रीय जल आयोग ने इस मामले पर दोबारा पहल नहीं की है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि डेम की ऊंचाई बढ़ाने पर कई गांव डुबान में आ जाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव को 2050 के भविष्य को देखते हुए पानी की समस्या न हो, इसलिए अमृत योजना के तहत खरखरा से राजनांदगांव तक पाइपलाइन बिछाई गई है। राजनांदगांव निगम आयुक्त को खरखरा जलाशय से हर साल 23 मिलियन घन लीटर पानी चाहिए। इतने पानी के लिए खरखरा जलाशय की ऊंचाई बढ़ानी पड़ेगी, जो आसान नहीं है।
राजनांदगांव की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। भविष्य में पानी की समस्या हो सकती है। 2050 की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। बालोद जिला सिंचाई विभाग की उपस्थिति में ही यह योजना स्वीकृत की गई। राजनांदगांव की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार एक लाख 63 हजार है। वर्तमान में जनसंख्या लगभग एक लाख 80 हजार है।खरखरा जलाशय की ऊंचाई बढ़ाने 52 करोड़ का प्रावधान केंद्र सरकार से है। वर्तमान में जलाशय की ऊंचाई 30 फीट है, लेकिन ऊंचाई बढ़ाई जाती है तो इसकी ऊंचाई 32 फीट हो जाएगी।
केंद्र सरकार आगे की कार्यवाही करेगी
सिंचाई विभाग बालोद के ईई पीयूष देवांगन ने कहा कि डेम की ऊंचाई बढ़ाने व इस प्रोजेक्ट के तहत काम केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के तहत हो रहा है। केंद्र सरकार ही आगे की कार्यवाही करेगी।