
बड़े राज्यों से आगे छोटे सूबे
देश में ग्राम पंचायतों को डिजिटल ट्रान्सफोर्मेशन करने के लिए जो योजना चलाई जा रही है उसमें से देश में कुल 2.69 लाख ग्राम पंचायतों में से 2.18 लाख ग्राम पंचायत ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के साथ रेडी कैटेगरी में है। इनमें से देश में 75002 पंचायते हैं जो डिजिटल रूप से कामकाज कर रही हैं। जिसमें से गुजरात में 11465 पंचायते हैं जिनका कामकाज डिजिटल में शुरू हो चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में दूसरे स्थान पर पंजाब और तीसरे स्थान पर राजस्थान आता है जहां पंचायतों में डिजिटल रूप से कामकाज शुरू हो गया है। रिसर्च एंजेसी सर्विसएट नाउ के रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश 57 हजार से अधिक पंचायत हैं जिसमें से 47 हजार पंचायत रेडी कैटेगरी में हैं। राज्यसभा में इन आंकड़ों की जानकारी सरकार द्वारा दी गई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार यह देश में पंचायतों के डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन बनाने के लिए ई-ग्राम स्वराज योजना को अपनाने में गुजरात सबसे आगे है।
ई-ग्राम पंचायत गुजरात सबसे आगे
रिपोर्ट के अनुसार ई-ग्राम स्वराज योजना के तहत ई-ग्राम पंचायत में पहले स्थान पर गुजरात है, जहां 14621 ग्राम पंचायत हैं, जिसमें से 9653 पंचयातों में ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा उपलब्ध है। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो महाराष्ट्र में 3877, छत्तीसगढ़ में 1651, मध्यप्रदेश में 2754 पंचायत कामकाज करने के लिए तैयार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी भी बड़े राज्यों में ई-ग्राम पंचायतों की संख्या कम है। जिसकी बड़ी वजह ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को इन राज्यों के ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाने में समस्या हो रही है। छोटे राज्यों की तुलना में बड़े राज्यों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की उपलब्धता कम है।
हाल ही में मध्य प्रदेश की राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों को डिजिटल करने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए पंचायत तथा ग्रामीण विकास विभाग ने ई-पंचायत की स्थापना के लिए काम शुरू कर दिया है। जिसके लिए बुनियादी व्यवस्थाओं की आपूर्ति के लिए काम शुरू कर दिया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रमुख पांच राज्य में जहां ई-ग्राम पंचायत कामकाज कर रही हैं उसमें गुजरात पहले नबंर पर है। यहां कुल ग्राम पंचायत 14621 हैं, जिसमें से 14559 ग्रांप पंचायत सेवाएं देने के लिए तैयार हैं। इनमें से ऑपरेशनल पंचायत लगभग 11465 हैं। दूसरे नंबर पर पंजाब है जहां कुल ग्राम पंचायत 13238 है सेवाएं देने के लिए लगभग 12807 तैयार हैं, इनमें से 9432 पंचायत ऑपरेशन कर रही हैं। इस सूची में राजस्थान तीसरे स्थान पर जहां 11208 ग्राम पंचायत हैं और इनमें से सेवाएं देने के लिए तैयार 8997 पंचायते हैं, लेकिन वर्तमान में 6421 ही पंचायते ऑपरेशनल हैं। चाथे स्थान पर तेलगाना है जहां कुल ग्राम पंचायत की संख्या 12771 है इसमें सेवाओं के लिए तैयार कुल 10915 हैं लेकिन वर्तमान में केवल 5812 ही पंचायत सेवाएं दे रही हैं। पांचवें स्थान पर आंध्र प्रदेश है जहां कुल पंचायत 13326 हैं और उनमें 12967 तैयार हैं लेकिन सेवाएं 5559 पंचायतें दे रही हैं।
बड़े राज्यों में ई-पंचायत की संख्या कम है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुल ग्रामी पंचायत 11645 हैं जिसमें से सेवाएं देने के लिए 9759 तैयार हैं लेकिन इनमें से केवल 1651 पंचायत ही काम कर रही हैं। इस सूची में मध्यप्रदेश में कुल ग्राम पंचायत 23011 में से 18105 सेवाएं देने को तैयार लेकिन 2754 ही काम कर रही हैं। तमिलनाडू में कुल ग्राम पंचायत 12525 हैं जिसमें से 9882 तैयार हैं लेकिन केवल 3449 सेवाएं दे रही हैं। इसके बाद महाराष्ट्र है जहां कुल ग्रामी पंचायत 27911 है, इनमें से 24597 सेवाओं के लिए तैयार है और 3877 की ऑपरेशन कर रही हैं। उत्तर प्रदेश में कुल 57691 ग्राम पंचयात हैं जिसमें से 47341 सेवाएं देने के लिए तैयार हैं लेकिन इनमें से 3921 ही ई-ग्राम पंचायत सेवा दे रही हैं।
क्या है ई-ग्राम स्वराज योजना?
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंर्तगत ग्रामीण इलाकों को डिजिटल इंडिया से जोड़ा जाएगा। सरकार गांवों के विकास और ग्रामीणवासियों को सुविधाएं देने के ई-ग्राम स्वराज योजना में ई-पंचायत योजना शुरू की है। जिसमें घर बैठे पंचायत और सरकार की सभी योजना की जानकारी मिलेगी और कामकाज में पारर्दशिता आएगी।
क्या हैं चुनौतियां?
जानकारों का कहना है सरकार पूरा प्रयास कर रही है लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी भी डिजिटल बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की कमी है। बिजली ब्रॉडबैंड नेटवर्क कनेक्टिवटी और बैंकों कम सुविधाएं कम हैं। लोगों में डिजिटल साक्षरता की कमी होने की वजह से समस्या आ रही है। सरकारी आंकडों को देखें तो बड़े राज्यों में ई-पंचायत की संख्या कम है। कुछ राज्य ऐसे हैं जहां ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता पर जोर दिया जा रहा हैं जिसमें गुजरात समेत राजस्थान और पंजाब और तेलगाना शामिल हैं।